परिचय
एमएसटीसी लिमिटेड एक सूचीबद्ध, अनुसूची-बी, मिनी रत्न श्रेणी-1 का केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है। यह भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रणाधीन है। यह मुख्य रूप से ई-कॉमर्स से संबंधित विविध क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करती है । वर्तमान में, कंपनी में भारत सरकार की 64.75% हिस्सेदारी है। कंपनी का सीआईएन L27320WB1964GOI026211 है।
संक्षिप्त इतिहास
कंपनी को कोलकाता में 9 सितंबर, 1964 को कंपनी अधिनियम,1956 के अंतर्गत "मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉर्पोरेशन लिमिटेड" के रूप में गठित किया गया। बाद में 26 सितंबर, 1994 को साधारण बैठक में शेयरधारकों द्वारा पारित एक विशेष प्रस्ताव के पश्चात 9 नवंबर, 1994 को आरओसी ने एक नया निगमन प्रमाणपत्र जारी कर इसका नाम बदलकर "एमएसटीसी लिमिटेड" कर दिया।
प्रारंभ में कंपनी लौह स्क्रैप के निर्यात का काम करती थी, सन् 1974 में यह सेल की सहायक कंपनी तथा धातु स्क्रैप के आयात हेतु भारत सरकार की कैनलाइजिंग एजेंट बनी । सन 1982 में, यह भारत सरकार की एक स्वतंत्र कंपनी बनी। सन 1992 में डीकैनलाइजेशन के पश्चात, कंपनी ने अपने व्यवसाय में विविधता लाते हुए, बहु-उत्पाद और बहु-कार्यात्मक संगठन के रूप में विकास किया और अपने सरकारी ग्राहकों के लिए औद्योगिक स्क्रैप और अधिशेष सामग्री के लिए नीलामी और निविदाएं आयोजित करना आरंभ किया।
सन 2002 में, एमएसटीसी ने ई-नीलामी मंच विकसित कर कार्य प्रारंभ किया और बी2बी ई-कॉमर्स क्षेत्र में प्रवेश किया। इसके बाद एमएसटीसी ने खुद को देश में अग्रणी ई-कॉमर्स सेवा प्रदाताओं में से एक के रूप में स्थापित किया । कंपनी ने महिंद्रा एक्सेलो लिमिटेड के साथ संयुक्त उद्यम के माध्यम से रीसाइक्लिंग व्यवसाय में भी प्रवेश किया और देश की पहली पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा स्थापित की। संक्षेप में, कंपनी मुख्य रूप से तीन व्यावसायिक क्षेत्रों में कार्य करती है: ( i ) ई-कॉमर्स, (ii) व्यापार और (iii) एमएमआरपीएल के माध्यम से रीसाइक्लिंग।
गतिविधियाँ
ई-कॉमर्स सेवाएँ
एमएसटीसी लिमिटेड ई-कॉमर्स क्षेत्र में अग्रणी सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है। यह सन 2002 से विविध क्षेत्रों में अभिनव ई-कॉमर्स समाधान प्रदान कर रही है। एमएसटीसी विभिन्न बी2बी और जी2बी लेनदेन को डिजिटल बना रही है। वर्तमान में, एमएसटीसी अपने ग्राहकों की हर ज़रूरत को पूरा करने के लिए विशिष्ट अनुकूलित सॉफ़्टवेयर समाधानों के साथ-साथ ई-नीलामी, ई-बिक्री, ई-खरीद और ई-निविदा आदि सहित व्यापक ई-कॉमर्स सेवाएँ प्रदान कर रही है।
एमएसटीसी का व्यवसाय मॉडल विभिन्न उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए ई-कॉमर्स में अपनी विशेषज्ञता का लाभ उठाने पर केंद्रित है। यह कंपनी ई-नीलामी क्षेत्र में अग्रणी कंपनी के रूप में स्थापित है, जो निम्नलिखित सेवाएं प्रदान करती है:
स्क्रैप और अधिशेष भंडारों की बिक्री:
स्क्रैप, पुराने संयंत्र और मशीनरी, अधिशेष भंडार और अचल संपत्ति के लिए ई-नीलामी आयोजित करना।
विद्युत क्षेत्र समाधान:
विद्युत खरीद, ट्रांसमिशन अनुबंध और उपकरण खरीद को सुविधाजनक बनाना।
दूरसंचार स्पेक्ट्रम आवंटन:
दूरसंचार 4जी/5जी स्पेक्ट्रम के आवंटन के लिए ई-समाधान प्रदान करना।
खनन क्षेत्र सेवाएँ:
खनन पट्टों, समग्र लाइसेंसों, महत्वपूर्ण खनिज आवंटनों, अन्वेषण लाइसेंसों, रॉयल्टी संग्रह और प्रमुख खनिज ब्लॉकों के लिए खान विकास अनुबंधों के आवंटन हेतु बोली समाधान प्रदान करना। यह एकीकृत भुगतान और बिलिंग समाधानों के साथ लघु खनिज और रेत खंड के आवंटन के लिए भी नीलामी सेवाएँ प्रदान करता है।
एक्जिम समाधान:
निर्यात और आयात गतिविधियों को सुव्यवस्थित करने तथा बेहतर मूल्य निर्धारण हेतु अग्रणी पेट्रोलियम कंपनियों के लिए एक्जिम पोर्टल विकसित करना।
ऑनलाइन ड्रा सिस्टम (ओडीएस):
एलपीडी और खुदरा पेट्रोल पंप डीलरशिप का वितरण करने हेतु ऑनलाइन कम्प्यूटरीकृत ड्रा सॉफ्टवेयर विकसित किया गया।
सरकारी सब्सिडी आवंटन:
क्षेत्रीय संपर्क योजना(उडान), आरएलएनजी और डीडीयूजीजेवाई/आईपीडीएस जैसी सरकारी सब्सिडी कार्यक्रमों के लिए विकसित ई-समाधानों को कार्यान्वित करना ।
वानिकी एवं कृषि उत्पाद:
वन उत्पादों, कृषि उत्पादों और अन्य प्राकृतिक संसाधनों के लिए ई-नीलामी आयोजित करना।
ड्यूटी स्क्रिप्स प्रबंधन:
विभिन्न क्षेत्रों के लिए ड्यूटी स्क्रिप्स का प्रबंधन करना।
कोयला क्षेत्र की सेवाएँ:
कोयला नीलामी, कोयला ब्लॉक आवंटन, शक्ति योजना और कोयला गैसीकरण परियोजनाओं को सुविधाजनक बनाना।
ई-खरीद सेवाएं:
एमएसटीसी ने वस्तुओं, सेवाओं और कार्यों की खरीद हेतु एक निविदा पोर्टल भी विकसित किया है, जिसका उपयोग विभिन्न सरकारी और निजी ग्राहकों द्वारा किया जा रहा है।
अनुभव और विशेषज्ञता
4.0 लाख से अधिक सफल नीलामियों के आयोजन और 3.25 लाख से अधिक उपयोगकर्ताओं को सेवा प्रदान करने के साथ, एमएसटीसी अनेक सरकारी महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के लिए पसंदीदा सेवा प्रदाता बन गया है। ई-कॉमर्स क्षेत्र में कंपनी की सशक्त पहचान इसके ग्राहकों से बार-बार मिलने वाले व्यवसाय से प्रदर्शित होती है। कंपनी नीलामी सूची तैयार करने से लेकर डिलीवरी ऑर्डर एवं विज्ञापन जारी करने तक की सेवाओं का एक व्यापक पैकेज प्रदान करती है। एमएसटीसी ने अपने प्रिंसिपलों की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु विभिन्न ई-बोली मॉड्यूल मसलन मूल्य बोली नीलामी, मूल्य सह मात्रा नीलामी, एसएमआरए नीलामी, स्विस चैलेंज, दो स्तर की बोली, अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा बोली, निविदा लिंक नीलामी, रिवर्स नीलामी आदि विकसित किए हैं ।
पारदर्शिता और अनुपालन
एमएसटीसी की ई-नीलामी सेवाओं की एक प्रमुख विशेषता पारदर्शिता है, जो सभी प्रतिभागियों के लिए एक निष्पक्ष और खुली प्रक्रिया सुनिश्चित करती है। एमएसटीसी की ई-कॉमर्स प्रणाली केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) और आईटी अधिनियम एवं उसके संशोधनों द्वारा तैयार दिशा-निर्देशों का अनुपालन करती है। कंपनी का सिस्टम विभाग एसटीक्यूसी से आईएसओ/आईईसी 27001:2013 प्रमाणित है, और इसका ई-कॉमर्स विभाग आईएसओ 9001:2015 गुणवत्ता प्रमाणित है।
आंतरिक विकास और अनुकूलन
एमएसटीसी के एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर पोर्टलों को संबंधित क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले विशेषज्ञों की टीम द्वारा आंतरिक रूप से विकसित किया जाता है। यह आंतरिक क्षमता एमएसटीसी के लचीलेपन और जवाबदेही को सुनिश्चित करते हुए अपने ग्राहकों की बदलती जरूरतों के अनुसार सॉफ्टवेयर को अनुकूलित करने की अनुमति देता है ।
ग्राहक का भरोसा और विश्वसनीयता
एमएसटीसी का मानना है कि न्यूनतम मानवीय हस्तक्षेप के साथ इसकी स्वचालित बोली सेवाओं ने सरकारी/व्यावसायिक संबंधों में विश्वसनीयता और भरोसा पैदा किया है। सुरक्षित, पारदर्शी और कुशल ई-कॉमर्स समाधान प्रदान करने के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता ने इसे विभिन्न सरकारी और निजी क्षेत्र के ग्राहकों के लिए एक विश्वसनीय भागीदार बना दिया है।
एमएसटीसी लिमिटेड अपनी ई-कॉमर्स सेवाओं में निरंतर नवाचार और विस्तार करना जारी रखता है, जो विभिन्न क्षेत्रों के डिजिटल परिवर्तन में योगदान देता है और भारत में व्यापार गतिविधियों को सहज बनाता है।
ई-कॉमर्स में महत्वपूर्ण मील के पत्थर:
वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला खदान की ई-नीलामी:
एमएसटीसी ने वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला खदान नीलामी नीति के अनुसार एक सुरक्षित ई-बोली मंच विकसित किया है। वित्त वर्ष 2024 तक वाणिज्यिक खनन के अंतर्गत नीलामी के सात चरण पूरे हो चुके हैं, जिनमें 106 खदानों की सफलतापूर्वक नीलामी की गई है।
स्पेक्ट्रम नीलामी:
दूरसंचार विभाग ने 5G सहित स्पेक्ट्रम के आवंटन हेतु नीलामी आयोजित करने के लिए पोर्टल के विकास हेतु एमएसटीसी का चयन किया है। नीलामी मंच विकसित किया गया और नीलामी के तीन चरण आयोजित किए गए हैं। नीलामी के तीन चरणों में भारत सरकार को लगभग ₹2.39 लाख करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है ।
उडान ( उड़े देश का आम नागरिक ):
एमएसटीसी ने छोटे शहरों/कस्बों और बड़े शहरों के बीच हवाई संपर्क को बढ़ावा देने के लिए योजना के कार्यान्वयन को सुगम बनाने के लिए एक ई-बोली मंच तैयार किया है। भारत सरकार ने इच्छुक एयरलाइन ऑपरेटरों को वित्तीय सब्सिडी प्रदान करने के लिए एक योजना तैयार की है जो अल्पसेवित/गैर-सेवा वाले हवाई अड्डों को जोड़ने के लिए काम करेगी। इस योजना को क्षेत्रीय संपर्क योजना के रूप में जाना जाता है, जिसे लोकप्रिय रूप में यूडीएएन(उड़ान) कहा जाता है। जून, 2024 तक इस योजना के माध्यम से 550 से अधिक हवाई मार्ग जोड़े गए हैं।
खनिज ब्लॉकों/अन्वेषण लाइसेंस की ई - नीलामी:
एमएसटीसी ने महत्वपूर्ण खनिजों सहित विभिन्न खनिजों के खदान ब्लॉकों के लिए अन्वेषण लाइसेंस, खनन पट्टों और समग्र लाइसेंसों की ई-नीलामी के लिए एक राष्ट्रीय बोली मंच विकसित किया है। वित्त वर्ष 2024 तक, एमएसटीसी ने 300 से अधिक प्रमुख खनिज ब्लॉकों के आवंटन के लिए सफलतापूर्वक ई-नीलामी आयोजित की है। एमएसटीसी ने छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तर प्रदेश (रेत), राजस्थान, मध्य प्रदेश , ओडिशा और असम में लघु खनिज ब्लॉकों के पट्टे के लिए भी नीलामी आयोजित की है।
डिस्कवरी ऑफ इफीसियेंट इलेक्ट्रिसिटी प्राईस(डीईईपी):
विद्युत मंत्रालय के लिए, एमएसटीसी ने ई-बोली के लिए राष्ट्रीय पोर्टल भी विकसित किया है जिसमें बहुस्तरीय बोली शामिल है। इस पोर्टल का उद्देश्य देश में विभिन्न डिस्कॉमों द्वारा अपनाई जा रही बिजली खरीद प्रक्रिया में एकरूपता लाना है। इस प्रणाली ने बिजली क्रेताओं और विक्रेताओं के लिए अधिक अवसर प्रदान किया है , और उम्मीद है कि उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरें सस्ती और अधिक किफायती हो जाएंगी। विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की वितरण कंपनियां इस सेवा का लाभ उठा रही हैं।
एलपीजी और खुदरा पेट्रोल पंप डिस्ट्रीब्यूटरशिप के लिए कम्प्यूटरीकृत ड्रा सिस्टम:
एमएसटीसी ने नई एलपीजी और खुदरा पेट्रोल पंप डीलरशिप के वितरण के लिए ऑनलाइन कंप्यूटरीकृत ड्रा प्रणाली हेतु तेल विपणन कंपनियों के लिए सॉफ्टवेयर विकसित किया। यह पहल डिजिटल इंडिया आंदोलन को बढ़ावा देने और चयन प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही लाने का हिस्सा है। वित्त वर्ष 2024 तक, एमएसटीसी ने देश भर में >10000 एलपीजी वितरक और >65000 खुदरा पंपों के लिए सफलतापूर्वक ऑनलाइन ड्रॉ आयोजित किया है।
पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात और आयात के लिए पोर्टल:
एमएसटीसी ने प्रमुख तेल क्षेत्र की कंपनियों के विभिन्न पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात और आयात के लिए बोली पोर्टल विकसित किया है । संपूर्ण उत्पाद निर्यात/आयात चक्र को एकल सॉफ्टवेयर पैकेज के माध्यम से पूरा किया जा सकता है। यह पोर्टल बेहतर मूल्य खोज विकल्प प्रदान करता है, और इससे निर्यात और आयात प्रक्रिया की दक्षता में सुधार हुआ है।
ट्रांसमिशन सेवा प्रदाता (टीएसपी):
एमएसटीसी ने एक पोर्टल तैयार किया है जो भारत सरकार द्वारा जारी संशोधित दिशा-निर्देशों के अनुसार अंतर-राज्यीय विद्युत ट्रांसमिशन सेवाओं के लिए ट्रांसमिशन सेवा प्रदाताओं के चयन हेतु शुल्क-आधारित प्रतिस्पर्धी बोली मंच प्रदान करता है। नए दिशा-निर्देशों के अंतर्गत चयनित ट्रांसमिशन सेवा प्रदाता को ट्रांसमिशन नेटवर्क का डिजाइन और निर्माण, 36 कैलेंडर वर्षों तक इसका संचालन और अनुरक्षण करना होगा तथा अनुबंध अवधि के अंत में इसे सरकार को वापस हस्तांतरित करना होगा।
छत्तीसगढ़ वन:
एमएसटीसी ने छत्तीसगढ़ वन विभाग के विभिन्न डिपो और विभागों से लकड़ी की ई-बिक्री को सुगम बनाने के लिए ई-नीलामी मंच विकसित किया है। पोर्टल में डिपो प्रबंधक से लेकर वरिष्ठ वन अधिकारियों तक के कई स्तर के प्राधिकरण शामिल हैं, और इसे बड़ी मात्रा में लकड़ी का प्रबंधन करने के लिए तैयार किया गया है। इस प्लेटफ़ॉर्म में सुरक्षित भुगतान अंतरण के लिए सहज एकीकरण उपलब्ध है ।
ट्रैडिंग
एमएसटीसी सन 1992 तक लौह स्क्रैप के आयात के लिए एक कैनालाइज़िंग एजेंसी थी। डी-कैनालाइज़ेशन के पश्चात, हमारी कंपनी ने खुद को थोक कच्चे माल की ट्रैडिंग में शामिल प्रमुख कंपनियों में से एक के रूप में स्थापित किया है। ट्रैडिंग विभाग वास्तविक उपयोगकर्ताओं के साथ-साथ व्यापारियों के लिए थोक औद्योगिक कच्चे माल के आयात के साथ-साथ घरेलू आपूर्ति भी करता था।
एमएसटीसी लिमिटेड का विपणन विभाग मुख्य रूप से उन ग्राहकों से औद्योगिक/अन्य कच्चे माल, परियोजना उपकरण आदि की खरीद के व्यवसाय करता है, जो एमएसटीसी की वित्तपोषण सुविधाओं, विशेषज्ञता और बाजार की सुविधा का लाभ उठाना चाहते हैं। व्यावसायिक गतिविधियों में औद्योगिक/अन्य कच्चे माल, परियोजना उपकरण आदि की खरीद शामिल है । यह सुविधा प्रदाता मॉडल पर आधारित है जिसमें एमएसटीसी और इच्छुक ग्राहकों के बीच पारस्परिक सहमति होती है। उक्त खरीद 110% बीजी मार्जिन के बदले की जाती है, जिसे इच्छुक पार्टी द्वारा प्रदान किया जाता है।
रीसाइक्लिंग
प्रचालन के दायरे का विस्तार करने और भारत में इस्पात उद्योग को समर्थन देने के लिए, वित्त वर्ष 2017 में, कंपनी ने एमएमआरपीएल के माध्यम से रीसाइक्लिंग के क्षेत्र में कदम रखा। एमएमआरपीएल ने उपयोगिता अवधि समाप्त वाहन (ईएलवी) और अन्य वाइट गूड्स को श्रेडेड स्क्रैप में परिवर्तित करके रीसाइक्लिंग करने के लिए भारत में एक संगठित अत्याधुनिक ऑटो विघटन संयंत्र की स्थापना की है| श्रेडेड स्क्रैप इस्पात संयंत्रों के लिए एक महत्वपूर्ण कच्चा माल है। ऑटो विघटन संयंत्र के लिए आपूर्ति फीडस्टॉक के रूप में उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी वाला एक संग्रहण एवं विघटन केंद्र स्थापित किया गया है।
वर्तमान में एमएमआरपीएल के 6 आरवीएसएफस नोएडा, चेन्नई, इंदौर, अहमदाबाद, गुवाहाटी और बेंगलुरु में स्थापित है, जो अब प्रचालन में हैं। आरवीएसएफ संयंत्रों के अलावा एमएमआरपीएल ने पूरे भारत में 34 संग्रह केंद्र स्थापित किए हैं।
वित्तीय परिणाम
शेयरधारकों को पारितोषिक
एमएसटीसी ने अपने शेयरधारकों को वर्ष 1992-93 में 1:1, वर्ष 2011-2012 में 3:1, वर्ष 2015-16 में 1:1, वर्ष 2016-17 में 1:1 और वर्ष 2018-19 में 1:1 की दर से बोनस शेयर जारी किया गया था। कंपनी की वर्तमान प्रदत्त पूंजी ₹70.40 करोड़ है। एमएसटीसी शेयरधारकों को नियमित लाभांश देने वाली कंपनी भी हैं।
सहायक कंपनी
फेरो स्क्रैप निगम लिमिटेड ("एफएसएनएल") को 28 मार्च, 1979 को कंपनी अधिनियम, 1956 के अंतर्गत एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में गठित किया गया था और निगमन प्रमाण पत्र बिहार के पटना में कंपनी रजिस्ट्रार द्वारा जारी किया गया था। हेकेट इंजीनियरिंग कंपनी (हार्सको कॉर्पोरेशन की भारतीय शाखा) से स्टील मिल स्लैग और अपशिष्ट के प्रसंस्करण के भारतीय व्यवसाय को अधिग्रहित करने और उसके व्यवसाय को जारी रखने के उद्देश्य से हमारी कंपनी ने हेकेट इंजीनियरिंग कंपनी से एफएसएनएल को व्यवसाय हस्तांतरण के लिए 27 जून, 1979 को हार्सको कॉर्पोरेशन के साथ एक सहयोग समझौता और बिक्री समझौता किया था। 1 अगस्त, 1979 से कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 43(1ए) के प्रावधान के अंतर्गत एफएसएनएल की स्थिति को 'प्राइवेट लिमिटेड कंपनी' से बदलकर 'डीम्ड पब्लिक लिमिटेड कंपनी' कर दिया गया। 21 जुलाई, 1989 को कोलकाता में सीएलबी, पूर्वी क्षेत्र बेंच के आदेशानुसार , एफएसएनएल का पंजीकृत कार्यालय मध्य प्रदेश राज्य में स्थानांतरित कर दिया गया तथा 12 सितंबर, 1989 को ग्वालियर में मध्य प्रदेश के कंपनी रजिस्ट्रार द्वारा नया निगमन प्रमाण पत्र जारी किया गया।
एफएसएनएल 29 अगस्त, 2002 को हमारी कंपनी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी बन गई, जो 29 जून, 2002 को हमारी कंपनी, एफएसएनएल, हार्सको और हार्सको की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी हेकेट मल्टीसर्व पीएलसी के बीच हुए शेयर बिक्री समझौते के अंतर्गत हार्सको से शेयरों के अधिग्रहण के पश्चात हुई। एफएसएनएल की कॉर्पोरेट पहचान संख्या U27102CT1989GOI005468 है। एफएसएनएल का पंजीकृत कार्यालय एफएसएनएल भवन, इक्विप्मन्ट चौक, सेंट्रल एवेन्यू, भिलाई-490001, जिला दुर्ग, छत्तीसगढ़ , भारत में स्थित है।
संयुक्त उद्यम कंपनी
महिंद्रा एमएसटीसी रिसाइक्लिंग प्राइवेट लिमिटेड ("एमएमआरपीएल") को हमारी कंपनी और महिंद्रा एक्सेलो लिमिटेड द्वारा 8 अगस्त, 2016 को किए गए संयुक्त उद्यम करार के अनुसार, कंपनी अधिनियम, 2013 के अंतर्गत 16 दिसंबर, 2016 को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में गठित किया गया था और 16 दिसंबर, 2016 को महाराष्ट्र में कंपनी के रजिस्ट्रार द्वारा निगमन प्रमाण पत्र जारी किया गया । एमएमआरपीएल का पंजीकृत कार्यालय महिंद्रा टावर्स, पी.के. कुर्ने चौक, वर्ली मुंबई-400018, महाराष्ट्र, भारत में स्थित है। एमएमआरपीएल की कॉर्पोरेट पहचान संख्या U37100MH2016PTC288535 है।